राशन वितरण प्रणाली को सरल बनाया जाए | प्रदीप चौधरी, पूर्व विधायक

भाजपा सरकार जितना ज्यादा डिजीटल पर जोर देकर योजनाओं की स्पीड बढ़ाने राह पर चल रही है, उतना ज्यादा योजनाएं ठप्प होती जा रही है। सरकार ने ऑनलाइन वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन देने की पहल तो शुरू करवा दी, लेकिन इस योजना की बेहतरी के लिए काम नही किया गया। क्योंकि हर माह में राशन वितरण करने के लिए जब ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ होती है तो फिर लोगों को शिवा इंतजार के कुछ नही मिलता, यह आम बात हो गई है कि मशीनों में फाल्ट आता है और इसके लिए विभाग और सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। यह बात इंडियन नैशनल लोकदल पार्टी के कालका से पूर्व विधायक एवं पंचकूला जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने कहीं। उन्होंने कहा कि राशन वितरण प्रणाली को सरल बनाया जाए, ताकि लोग परेशान न हो, लोग रोजाना समय निकाल कर राशन लेने के लिए आते है, लेकिन वो पूरा दिन इंतजार करते रहते है और मोरनी जैसे क्षेत्र में तो दूर-दूर से लोग राशन लेने के लिए आते है और खाली हाथ वापिस लौट जाते है। प्रदीप चौधरी ने यह भी कहा कि वर्ष-2016 में पीओएस डिवाइस से राशन वितरण की पहल की गई और उससे पहले की जो लिस्ट है, जिनके नाम दर्ज हो गए और आधार से लिंक हो गए, उन्हें तो राशन मिल रहा है, लेकिन लाभार्थी होने के बावजूद भी काफी लोगों को राशन नही मिल रहा है। क्योंकि उन लोगों को लिंक नही किया गया और लिंक करना विभाग का काम है और लोग दफतरों में जाते है और यहां तक डीसी तक भी गुहार लगाते है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो पा रही है। चौधरी ने सरकार के बाजरे वितरण पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार बाजरे की एवज में गेंहू में कटौती कर रही है और जितना बाजरा दे रही है, भला उसमें लोग कैसे गुजारा कर सकते है और यदि बाजरा देना ही है तो बिना गेंहू की कटौती के दिया जाए।
प्रदीप चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार जल्द नए राशनकार्ड उपभोक्ताओं को जारी करें, क्योंकि लोग परेशान हो रहे है|
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