हरियाणा प्रदेश में बिजली के अनावश्यक बढ़े हुए बिलों की मार | आम आदमी परेशान

आम आदमी पार्टी का कहना है कि हरियाणा सरकार आम आदमी का जीना दुर्भर कर रही है। जहां एक ओर आम आदमी महंगाई की मार से परेशान है,वहीं दूसरी ओर उसे प्रदेश में बिजली के अनावश्यक बढ़े हुए बिलों की मार सहनी पड़ रही है। हालात यह है कि बंद पड़े घरों के भी लाखों रुपये के बिजली के बिल आ रहे हैं। उस पर दिक्कत यह है कि गल्त भेजे गये बिजली बिलों को ठीक करने की बजाये लोगों से मारपीट की जा रही है। और तो और निशक्तों को भी नहीं बख्शा जा रहा।
यहां जारी एक प्रेस ब्यान में आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक साजिश के तहत लोगों से बिजली के ज्यादा बिल बसूले जा रहे हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते सरकार बिजली चोरों को तो पकड़ नहीं पा रही। उस होने वाले नुक्सान की भरपाई आमजन से जोकि ईमानदारी से बिजली खपत कर उसका बिल देते हैं,उन्हें गल्त बिल भेज कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिजली निगम की ओर से आम आदमी को इतने भारी भरकम बिजली के बिल भेजे जाते हैं कि वह बेचारा गश खाने लगता है। पहली बात तो ये बिल ठीक ही नहीं किये जाते, और अगर ठीक किए जाते हैं तो भी उससे उसकी खपत बिजली से कहीं ज्यादा पैसा देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आप जल्दी ही ऐसे आने वाले बिलों को लेकर बिजली निगमों का घेराव करेगी और इस घोटाले का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने कुछ ही दिन पहले ही पंचकूला की इंदिरा कालोनी के 30 वर्षिय निशक्त राजू से बिजली निगम के कर्मचारियों द्वारा की गई धक्कामुक्की की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का न तो अपने अधिकारियों पर और न ही कर्मचारियों पर कोई नियंत्रण है। ऊपर से राजू को शाम पांच बजे तक बिठा कर उसे 76 दिनों का बिजली का बिल 11895 रुपये थमा दिया गया जोकि उसकी हद से कहीं बाहर है। इतना ही नहीं इसी कालोनी की रहने वाली सुशीला को भी 72 हजार रुपये का बिजली का बिल भेज दिया गया। जबकि वह अपनी बीमार बेटी का ईलाज भी सरकारी अस्पताल से करवा रही है। ये लोग तो इतनी बिजली इस्तेमाल भी नहीं करते फिर उन्हें इतने भारी भरकम बिजली के बिल कहां से दें। सेक्टर सात की बंद कोठी नंबर 863 में बिजली का बिल 7,57,975 रुपये आया है, जबकि वहां कोई रहता ही नहीं है। इससे बड़ा सरकारी लूट का और उदाहरण क्या हो सकता है। उन्होंने सरकार से इस सरकारी लूट को तत्काल बंद करने और ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कारवाई करने की मांग की है।
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