एक हजार मरीजों की मैडिकल ओपीडी तीन डाक्टरों के सहारे

पंचकूला | आर्थिक तंगी महगें इलाज के कारण आज आम आदमी अपना इलाज करवाने में असमर्थ हो रहा है । ऐसे में गरीब आदमी सरकारी अस्पतालों का रूख करता है । परन्तु सरकारी अस्पतालो  कि लचार व्यवस्था, दम तोडती सुविधाए के कारण गरीब मरीजों की मुशकिले और भी तब बढ जाती है जब उसे कई कई घण्टों लाईन में खडे हो कर अपनी बारी की प्रतिक्षा करनी पडती है। इन दिनों सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण या तो मरीज प्राईवेट अस्पतालों का रूख करता है या फिर मजबुरन  घण्टों लाईन में खडे हो कर अपनी बारी की प्रतिक्षा  । समान्य अस्पताल सैक्टर ६ पंचकूला में मैडिकल ओपीडी केवल तीन डाक्टरों के सहारे ही चल रही है । मंगलवार को देर दोपहर एक बजे तक मैडिकल ओपीडी की संख्या ९०० से पार कर गयी थी । ऐसे में सहज अन्दाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल में मरीजों को किस स्तर का इलाज मुहिया होगा ।  वही सिनियर सिटीजनों की अलग से लाईन न होने के कारण सिनियर सिटीजनों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है । सिनियर सिटीजन मरीजों का कहना है कि यहा उन की सुनने वाला कोई नही है । वे सुबह से लाईन में खडे हो कर अपनी बारी की प्रतिक्षा कर रहे है। उन्हें नही लगता कि शाम तक भी उनका नम्बर आयेगा । लोगों का कहना है कि गरीब के साथ तो इलाज के नाम पर महज एक मजाक है । यह तो सरकार को भी सोचना चाहिए कि इतने सारे मरीज ३ डाक्टर कैसे देख सकते है ।
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