चंडीगढ़ : हज़ारों की गिनती
में
कॉन्ट्रैक्ट
एवं
आउटसोर्सिंग
वर्कर्स
ने
एकजुटता
दिखाते
हुए
चंडीगढ़
की
संसद
किरण
खेर
और
चंडीगढ़
प्रशासन
के
विरुद्ध
रेगुलराइजेशन,
समानता,
वा
नौकरी
की
सुरक्षा
के
लिए
रैली
ग्राउंड
में
कैंडल
मार्च
निकाला
और
रोष
प्रदर्षन
किया
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ चंडीगढ़ प्रशासन दवारा पुराने आऊटसोरसिंग वरकरस को निकालने व कांटरैकट कर्मचारियों की जगह नियमित नियुक्तियों के लिए शिक्षा, उच्च शिक्षा और अन्य विभागों में अतिथि शिक्षक, व्याख्याता, क्लर्क और अन्य श्रेणियों के पदों का विज्ञापन देने तथा 25 साल से संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई केंद्रीय दिशा-निर्देश न होने और न ही प्रशासन दवारा पंजाब की रैगुलराइजेशन नीति 2011 से इन कांटरैकट वरकरस को नियमित करने की चंडीगढ़ प्रशासन की नीतियों का विरोध करता है क्योंकि चंडीगढ में केंद्रीय नीति के अभाव में एक बार उपाय के रूप में पंजाब के नियमों का पालन कर सकता है
वर्तमान में आउटसोर्सिंग श्रमिकों
का शोषण और
भेदभाव किया जा
रहा है, जिनके
बदले में निविदा
या ठेकेदार के
बदले में उनकी
सेवाओं को बर्खास्त
किया जा रहा
है, विभिन्न विभागों
में सरकार नए
वेब पोर्टल GeM के
माध्यम से निविदाएं
जारी कर रही हैं,
प्रशासन द्वारा योग्यता के लिए नए
कार्यकाल और शर्तों को
लागू करने या ठेकेदारों द्वारा
पैसे की मांग की
जा रही है पर उनकी
सेवाओं को चंडीगढ प्रशासन
दवारा सुरक्षित करने के लिए कोई
दिशा निर्देश न देने का
भी विरोध करता है
आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ,यूटी चंडीगढ कांटरैकट व आऊटसोरसिंग वरकरों की माँगों की आवाज उठाने ,बुलंद करने और इस शोषण और भेदभाव के खिलाफ व प्रशासन की असुरक्षा की गलत नीतियों के विरोध में व लड़ने के लिए कैंडल मारच" रोष- परदरशन " किया।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कांटरैकट कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए निर्णय लेने में कमी होने के कारण और जनता के बड़े हित में उनके मुद्दों को हल करने की कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण करमचारी संघ चंडीगढ प्रशासन के विरूद्ध जलद ही मोरचा खोलेगा
कई यूनियनों ने इस कैंडल मारच रोष पर दर्शन को समर्थन भी दिया और भविष्य में चंडीगढ प्रशासन से इन समस्याओं को सुलझाने के लिए मदद का भरोसा दिलाया
इस कैंडल मारच व मांगों की जानकारी प्रधान मंत्री,गृह मंत्री,श्रम मंत्री,प्रशासन व एम.पी को भी दी गई
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ,य यू.टी., चंडीगढ़ की गवर्नर को सौंपी मांगें निम्नानुसार हैं: -
1. GeM के माध्यम से निविदा के बदले पुराने आउटसोर्सिंग वरकरस न बदलना ! निकाले गए वरकरस बहाल हों
2. स्वीकृत रिक्त पदों का विज्ञापन न करना जिस पर अतिथि शिक्षक, संविदा शिक्षक और क्लर्क ,सीनियर व लैब अटैंडेंट,लैकचरार,असिसटेंट प्रोफेसर आदि कार्यरत हैं -उन पर पंजाब की रैगुलराइजेशन पालिसी 2011 लागू करना
3. भारत सरकार के राजपत्रित अधिसूचना का कार्यान्वयन( वर्ष 2014) और माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार" पीजीआई व भारत सरकार के आडर 04 सितंबर 2019 के अनुसार '" समान कार्य - समान वेतन " प्रदान करना ।
4.एनएचएम योजना को आउटसोर्सिंग न करना व इसके तहत काम करने वाले सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए समान काम- समान वेतन या डी.सी. दरें देना।
5. संशोधित डीसी दरों का भुगतान और एम.सी की लायंस कंपनी के स्वच्छता कर्मचारियों को w.e.f. 2018-19 के तहत बकाया देना
6. चंडीगढ इंसटीचुउट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, सेक्टर -42, चंडीगढ़ के सभी कर्मचारियों को डीसी रेट में वेतन देना।
7. गरिड, चंडीगढ़, सेक्टर 31 में आउटसोर्सिंग वरकरों को 7 तारीख को वेतन,बोनस व जैम में 15 आकस्मिक अवकाश ।
8.स्कूल व कालोजों में लैब अटेंडेंट का डी.सी रेट कम न करना
9.एजुकेशन डिपार्टमेंट में डी.सी.रेट इमपलाइज को मिले समान काम- समान वेतन
10. चंडीगढ में सभी मिड डे मील वरकरस व आशा वरकरस को मिले डी.सी …
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ चंडीगढ़ प्रशासन दवारा पुराने आऊटसोरसिंग वरकरस को निकालने व कांटरैकट कर्मचारियों की जगह नियमित नियुक्तियों के लिए शिक्षा, उच्च शिक्षा और अन्य विभागों में अतिथि शिक्षक, व्याख्याता, क्लर्क और अन्य श्रेणियों के पदों का विज्ञापन देने तथा 25 साल से संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई केंद्रीय दिशा-निर्देश न होने और न ही प्रशासन दवारा पंजाब की रैगुलराइजेशन नीति 2011 से इन कांटरैकट वरकरस को नियमित करने की चंडीगढ़ प्रशासन की नीतियों का विरोध करता है क्योंकि चंडीगढ में केंद्रीय नीति के अभाव में एक बार उपाय के रूप में पंजाब के नियमों का पालन कर सकता है
आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ,यूटी चंडीगढ कांटरैकट व आऊटसोरसिंग वरकरों की माँगों की आवाज उठाने ,बुलंद करने और इस शोषण और भेदभाव के खिलाफ व प्रशासन की असुरक्षा की गलत नीतियों के विरोध में व लड़ने के लिए कैंडल मारच" रोष- परदरशन " किया।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कांटरैकट कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए निर्णय लेने में कमी होने के कारण और जनता के बड़े हित में उनके मुद्दों को हल करने की कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण करमचारी संघ चंडीगढ प्रशासन के विरूद्ध जलद ही मोरचा खोलेगा
कई यूनियनों ने इस कैंडल मारच रोष पर दर्शन को समर्थन भी दिया और भविष्य में चंडीगढ प्रशासन से इन समस्याओं को सुलझाने के लिए मदद का भरोसा दिलाया
इस कैंडल मारच व मांगों की जानकारी प्रधान मंत्री,गृह मंत्री,श्रम मंत्री,प्रशासन व एम.पी को भी दी गई
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ,य यू.टी., चंडीगढ़ की गवर्नर को सौंपी मांगें निम्नानुसार हैं: -
1. GeM के माध्यम से निविदा के बदले पुराने आउटसोर्सिंग वरकरस न बदलना ! निकाले गए वरकरस बहाल हों
2. स्वीकृत रिक्त पदों का विज्ञापन न करना जिस पर अतिथि शिक्षक, संविदा शिक्षक और क्लर्क ,सीनियर व लैब अटैंडेंट,लैकचरार,असिसटेंट प्रोफेसर आदि कार्यरत हैं -उन पर पंजाब की रैगुलराइजेशन पालिसी 2011 लागू करना
3. भारत सरकार के राजपत्रित अधिसूचना का कार्यान्वयन( वर्ष 2014) और माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार" पीजीआई व भारत सरकार के आडर 04 सितंबर 2019 के अनुसार '" समान कार्य - समान वेतन " प्रदान करना ।
4.एनएचएम योजना को आउटसोर्सिंग न करना व इसके तहत काम करने वाले सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए समान काम- समान वेतन या डी.सी. दरें देना।
5. संशोधित डीसी दरों का भुगतान और एम.सी की लायंस कंपनी के स्वच्छता कर्मचारियों को w.e.f. 2018-19 के तहत बकाया देना
6. चंडीगढ इंसटीचुउट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, सेक्टर -42, चंडीगढ़ के सभी कर्मचारियों को डीसी रेट में वेतन देना।
7. गरिड, चंडीगढ़, सेक्टर 31 में आउटसोर्सिंग वरकरों को 7 तारीख को वेतन,बोनस व जैम में 15 आकस्मिक अवकाश ।
8.स्कूल व कालोजों में लैब अटेंडेंट का डी.सी रेट कम न करना
9.एजुकेशन डिपार्टमेंट में डी.सी.रेट इमपलाइज को मिले समान काम- समान वेतन
10. चंडीगढ में सभी मिड डे मील वरकरस व आशा वरकरस को मिले डी.सी …