नए वर्ष पर भारतीय मजदूर संघ, चंडीगढ़ ने आर.टी.आई में चंडीगढ़ प्रशासन से कठिन व तीखे सवालों के जवाब मांगकर की पहल

चंडीगढ़ में विभिन्न कर्मचारी संगठन पिछले लगभग एक दशक से कांट्रैक्ट इमपलाइज व आऊटसोरसिंग वरकरस की मांगों पर संघर्ष कर रहे हैं पर आज तक चंडीगढ़ प्रशासन की अफसरशाही ने उनकी मांगों पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की ।।

न‌ए वर्ष पर पहल करते हुए भारतीय मजदूर संघ (कांट्रैक्ट व आउटसोर्स वरकरस) यूनिट पंजाब व चंडीगढ़ के प्रभारी श्री तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने आर.टी आई द्वारा कांट्रेक्ट इमपलाइज व आऊटसोरसिंग वरकरस संबंधित कुछ कठिन सवालों के जवाब चंडीगढ़ प्रशासन से मांगे हैं जिनको आज तक परसोनल विभाग के कुछ चंद अधिकारियों पर आश्रित प्रशासन हमेशा नकारता आया है ।।

आर.टी.आई मे विशेष रूप से बीस-बीस सालों से विभिन्न विभागों में विधिवत तरीके से रखे गए सैंक्शन पोस्टों पर काम कर रहे कांट्रेक्ट इमपलाइज के लिए उमा देवी के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों व केंद्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अभी तक रैगुलराइजेशन पालिसी क्यों व किन कारणों से नहीं बनाई गई जबकि उन्हीं निर्देशों के आधार पर प्रशासन 2014-15 में डेली वेजरज व वर्क चार्ज इम्प्लाइज की रैगुलराइजेशन पालिसी बना चुका है ।। चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों पर पंजाब सरकार के रूल्स लागू करता है तो पंजाब की वर्ष 2011 की कांट्रैक्ट इमपलाइज को रैगुलर करने की पालिसी चंडीगढ़ में क्यों नहीं अपनाई गई ।। 2019 में म्युनिसिपल कारपोरेशन सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार द्वारा कांट्रेक्ट इमपलाइज को पक्का करने का हाउस में पास हुआ एजेंडा चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा किस आधार पर नकारा गया इत्यादि व 1996 से आज तक कितने कांट्रैक्ट इमपलाइज विधिवत् तरीके से रखे गए आदि सवालों पर जवाब मांगे गए हैं ।।

चंडीगढ़ प्रशासन पिछले बीस वर्ष से लगभग 80 प्रतिशत अपने विभिन्न विभागों में ठेकेदारों द्वारा आऊटसोरसिंग वरकरस भर चुका है और इन वर्कर्स की कोई सुरक्षा नहीं और जेम पोर्टल में ठेकेदार लेबर कानूनों का उल्लंघन कर इनका भरपूर शोषण कर रहे हैं ।।

विभिन्न विभागों में लगातार वर्ष भर काम कर रहे आउटसोर्सिंग वरकरस रखने के लिए प्रशासन के पास लाइसेंस है कि नहीं,भारत सरकार द्वारा मंजूरशुदा पदों पर आउटसोरसिंग करने के केंद्रीय दिशा-निर्देशों, वित्त विभाग द्वारा दी गई सेक्शनों, विभिन्न विभागों में जेम पोर्टल द्वारा किए गए टेंडर की कापियों,चंडीगढ़ प्रशासन के पास लेबर कानूनों का उल्लंघन कर ठेकेदारी प्रथा में काम करवाने के अधिकारों, वेजिज एकट का उल्लंघन कर समय पर वर्करों को तनख्वाह न देने पर ठेकेदारों पर की गई कार्रवाई व पेनल्टी, विभिन्न पदों पर समान वेतन न देकर सिर्फ डी.सी रेट देने के प्रावधानों, ठेकेदार द्वारा दिए गए ई.पी.एफ व ई.एस.आई लाभों, स्क्रीनिंग कमेटी के निर्देशों, रोस्टर का संचालन, रकूरटमेंट रूलों व पदों को रैगुलर भरने के केंद्रीय दिशा-निर्देशो इत्यादि के बारे में भी जानकारी मांगी गई ।।

प्रभारी तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने बताया कि आर टी.आई में किए गए सवाल चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों में की जा रही कांट्रैक्ट इमपलाइज व आऊटसोरसिंग नियुक्तियां जो किसी भी सुरक्षा नीति के अभाव में हों रही हैं उस पर अंकुश लगाया जा सके ताकि चंडीगढ़ में पले बढ़े व पढ़ें लिखे युवाओं पर इस ठेकेदारी प्रथा में जो शोषण व अत्याचार हो रहा है और शासन व प्रशासन की अनदेखी चंडीगढ़ शहर सिर्फ मजदूरों का शहर बन कर रह गया है उस पर पाबंदी लगाई जा सके ।।

चंडीगढ़ प्रशासन भारतीय मजदूर संघ की कांट्रैक्ट इमपलाइज व आऊटसोरसिंग वरकरस की समानता, सामाजिक सुरक्षा व नौकरी की सुरक्षा के लिए की गई पहल पर इन सवालों पर क्या जवाब देता है यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा पर भारतीय मजदूर संघ ने भी संघर्ष के लिए कमर कस ली है ।।

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