लक्ष्य पर पहुंचना है तो नकारात्मक लोगों के प्रति "बहरे" हो जाइए (आज की सोच )

जयपाल (चण्डीगढ़)
एक मेढक पहाड़ की चोटी पर चढ़ने का सोचता है और आगे बढ़ता है

बाकी के सारे मेंढक शोर मचाने लगते हैं "ये असंभव है.. आज तक कोई नहीं चढ़ा.. ये असंभव है.. नहीं चढ़ पाओगे"

मगर मेंढक आख़िर पहाड़ की चोटी पर पहुँच ही जाता है.. जानते हैं क्यूँ?

क्योंकि वो मेंढक "बहरा" होता है.. और सारे मेंढकों को चिल्लाते देख सोचता है कि सारे उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं

इसलिए अगर आपको अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो नकारात्मक लोगों के प्रति "बहरे" हो जाइए |
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